डायरी के पन्नों से....
मिल जाए 
उलझनों से 
फुरसत 
तो जरा सोचना
क्या सिर्फ 
फुरसतों में 
याद 
करने तक का 
रिश्ता है हमसे...!!!
             * जर्नलिस्ट अखिल बंसल
💕